MP Land Record Registry: खुशखबरी! मध्यप्रदेश में जमीन खरीदने को लेकर अब नामांतरण के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

MP Land Record Registry यदि आप भी मध्य प्रदेश के निवासी हैं तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी पहली कैबिनेट में अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि सुशासन शब्द सिर्फ बोलने के लिए नहीं होना चाहिए। उसे चरितार्थ भी लगना चाहिए। यह भी बताया जाना चाहिए कि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इसी के साथ भ्रष्टाचार पर कटाक्ष किया है। जमीन खरीद को नियंत्रित करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं।

MP Weather Alert Today: मध्य प्रदेश में लगातार बारिश के लिए अलर्ट जारी, इन जिलों में जोरदार आंधी तूफ़ान आने की संभावना

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया को मंजूरी दी है। आपको बता दें कि जुलाई 2024 से नियम बदल गए हैं। याद रखें कि नागरिक रजिस्ट्रेशन करते ही नामांतरण होगा।

MP Land Record Registry
e-registry check online

MP Land Record Registry: जमीन की ऑनलाइन रजिस्ट्री चेक करें?

एमपी भूलेख की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं, https://mpbhulekh.gov.in/, और होमपेज पर ‘भू नक्शा’ विकल्प पर क्लिक करें। ड्रॉपडाउन सूची में अपना जिला, तहसील और गांव चुनें। फिर, शीट नंबर, खसरा नंबर या मालिक का नाम चुनकर विशेष गांव का नक्शा देखें।

मध्य प्रदेश राज्य के नागरिक एमपी भू रिकॉर्ड को ऑनलाइन भूलेख पोर्टल पर देख सकते हैं। इस पोर्टल पर सभी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं, जैसे अधिकार, भूखंड की स्थिति, खतौनी कोड आदि। एमपी में रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुक करने के लिए मध्य प्रदेश ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से आप रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेज जमा करने और आवश्यक शुल्क भुगतान करने के बाद, आप अपनी नियुक्ति के लिए सही तिथि और समय चुन सकते हैं।

रजिस्ट्री करने के 15 दिन बाद अपने आप नामांतरण होगा। अभी भी लोगों को स्थानांतरित करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर भटकना पड़ा। लेकिन अब रजिस्ट्री करवाने के बाद नामांतरण में धोखाधड़ी और अनियमितता नहीं होगी। यह सुनिश्चित करें कि लोगों को इस समस्या का समाधान मिलेगा, जिससे कर्मचारियों को अब दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

Business Ideas 2024: यह 2 बिजनेस बदल देंगे आपकी जिंदगी , इतनी कम लागत में शुरू

MP Land Record Registry: काम ऐसे होगा आसानी से

तहसीलदार नरेश शर्मा ने हिंदुस्तान खबर डिजिटल से चर्चा में बताया कि साइबर तहसील एक स्वचालित कंप्यूटर प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से किसानों को लाभ होगा। ध्यान दें कि रजिस्ट्री करने के बाद 15 दिन बाद नामांतरण स्वचालित रूप से हो जाएगा और संबंधित व्यक्ति को उसके फोन नंबर पर एसएमएस, व्हाट्सएप या ईमेल से अंतिम आदेश की सत्यापित प्रतीयां दी जाएगी।

एमपी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए पंजीकरण शुल्क 3% है, जो संपत्ति के बाजार मूल्य या सहमत मूल्य पर निर्धारित होता है।

कभी-कभी दोनों को एक साथ खसरा खतौनी के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि खसरा और खतौनी एक दूसरे के स्थान पर नहीं प्रयोग किए जा सकते हैं। खसरा भूमि इकाई को दी गई संख्या, जबकि खतौनी कृषि भूमि मालिकों को दी गई संख्या

Tractor Yojana: भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले 50 से 60 HP वाले जाने उनकी कीमत और स्पेसिफिकेशन क्या है?

MP Land Record Registry: जमीन खरीदने की नई प्रक्रिया कैसी होगी?

मध्य प्रदेश सरकार सभी 55 जिलों में साइबर तहसील बनाएगी, जो बताएंगे कि सभी कार्य ऑनलाइन होंगे। साइबर तहसील भी जुलाई 2024 से सक्रिय हो जाएंगे।

साइबर तहसील परियोजना इंदौर, सागर, डिंडोरी, हरदा, ग्वालियर, आगर मालवा, श्योपुर, बैतूल, विदिशा, दतिया, सीहोर और उमरिया के 12 जिलों में काम कर रही है और जुलाई महीने में पूरे राज्य में लागू हो जाएगी।

Gold Shopping: सोना खरीदते समय रखे इन 4 बातों का ध्यान नहीं तो ये गलती पड़ सकती है भारी?

नरेश शर्मा ने हिंदुस्तान खबर डिजिटल से चर्चा में बताया कि तहसील में आइजीआरएस (ई-रजिस्ट्री), वेबजीआईएस (भू-संपदा), रेवेन्यू केस मैनेजमेंट (आरसीएमएस) और सारा (लैंड रिकॉर्ड) के सॉफ्टवेयर को मिलाकर एक तंत्र बनाया जाता है, जो कृषि भूमि की रजिस्ट्री के बाद स्वचालित रूप से नामित किया जाएगा।


Discover more from TIME THE NEWS

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Discover more from TIME THE NEWS

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading