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रिलेशनशिप: रिश्ता क्या आप हमेशा कुछ करने की जरूरत है 1 कैसे पता लगाएं कि क्या ये ?

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रिलेशनशिप: रिश्ता क्या आप हमेशा कुछ करने की जरूरत है बोलने की, खाने की, जल्दी में, कैसे पता लगाएं कि क्या ये “हरी सिकनेस” हैं?

रिश्तों में जल्दी क्या हो सकता है, यह व्यक्ति पर निर्भर करता है। तेजी से बदलाव लाने का प्रयास कभी-कभी असार हो सकता है, लेकिन साथ ही साथ, संबंधों में तेजी से होने वाली चीजें भी प्रेम या अच्छे रिश्ते का संकेत हो सकती हैं। हरी सिकनेस को पहचानने के लिए, सामान्य लक्षणों पर ध्यान देना आवश्यक है। सम्मान, विश्वास, सहयोग और समर्थन इसका प्रतीक हैं। अगर आपको लगता है कि आपका संबंध तेजी से बन गया है और आपको लगता है कि कुछ गलती हो रही है, तो संवाद का माध्यम बनाना महत्वपूर्ण होता है। धीरे-धीरे, आप दोनों मिलकर संबंध को सुधार सकते हैं।
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“हरी बीमारी” मनोविज्ञान में एक आम शब्द है जिसका अर्थ है “तेजी से बीमार होना”। यह शब्द व्यक्तिगत संबंधों में तेजी से होने वाले बदलाव को बताता है, जो अक्सर हानिकारक हो सकता है। यह शब्द मुख्य रूप से संबंधों में अस्थिरता या अनियंत्रितता को व्यक्त करता है।

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1985 में, अमेरिकी साइकोलॉजिस्ट मेयर फ्रीडमैन और रे एच. रोसेनमैन ने पुस्तक “टाइप ए बिहेवियर एंड योर हार्ट” लिखी।उस पुस्तक में पहली बार शब्द “हरी सिकनेस” का उपयोग हुआ। फ्रीडमैन और रोसेनमैन कहते हैं कि हरी सिकनेस कोई मेडिकल बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई अन्य बीमारी का कारण हो सकता है। उन्हें पता चला कि टाइप ए पर्सनैलिटी वाले लोग अक्सर हरी सिकनेस का शिकार होते हैं, जो उनके दिल की सेहत को खराब करता है। ऐसे लोगों का नर्वस सिस्टम निरंतर दबाव में रहता है।

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यह व्यक्तिगत अनुभवों और मनोविज्ञानिक अध्ययनों से परिभाषित किया जाता है, जहां विभिन्न संबंध मापदंडों का विश्लेषण किया जाता है। इसका उदाहरण तेजी से बदलाव, कम आत्मसमर्थन, ध्वंस या अन्य समस्याएं हैं जो एक रिश्ते को संवेदनशीलता और स्थिरता से बाधित कर सकती हैं। यही कारण है कि मनोविज्ञान में “हरी सिकनेस” का अध्ययन विभिन्न मानवीय संबंधों का अध्ययन करता है।

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हरी चिंता के लक्षणों को पहचानने के लिए चेतावनियाँ देख सकते हैं:

  1. अनियमितता: आपके रिश्ते में तेजी से बदलाव या अनियमितता आ सकती है, जैसे कि वह पहले कम या ज्यादा संवेदनशील था।
  2. आत्मबल की कमी: आपके बीच की बहस कम हो जाती है या अधिकतम खामोशी से होती है।
  3. आत्मसमर्थन की कमी: आप अपने भाग्य को सहारा नहीं देते हैं या दूसरों का साथ नहीं देते हैं।
  4. संबंधों में विवाद: आप अक्सर झगड़ते हैं या सहमति बनाने में संघर्ष करते हैं।
  5. असहमति के अधिकार: जब आप असहमति के विषयों पर अधिक आमने-सामने होते हैं, तो समस्याएं अधिक महत्वपूर्ण होने लगती हैं।

विशेष परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह ग्रीन सिकनेस है। नीचे दिए गए ग्राफिक को ध्यान से देखकर सोचें कि उसमें लिखी कितनी बातें आप पर लागू होती हैं। 5 से अधिक चीजें आप पर लागू होती हैं, तो आप हरी सिकनेस का शिकार हो सकते हैं। लेकिन खुद को डायग्नोस करने की बजाय किसी मनोचिकित्सक की सहायता लेना बेहतर होगा।

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टाइप ए पर्सनैलिटीज में हाइपरटेंशन डेवलप का खतरा अन्य पर्सनैलिटीज से 17 प्रतिशत अधिक होता है, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार। इस अध्ययन में 422 लोगों की पर्सनैलिटी ए थी, यानी जो हरी मानसिकता का शिकार थे। रिसर्चर्स ने पाया कि रेस्टिंग स्टेज में उनका ब्लडप्रेशर और हार्ट रेट भी सामान्य से अधिक था।

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दिल पर अधिक दबाव और हाइपरटेंशन हो सकता है जब ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन लगातार बढ़ते रहते हैं। मनोविज्ञान 1985 में फ्रीडमैन और रोसेनमैन ने हरी सिकनेस के बारे में लिखा था, तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है। वे पर्सनैलिटी टाइप बता रहे थे, लेकिन आज विज्ञान भी इस सवाल का जवाब देता है कि कुछ लोगों की पर्सनैलिटी विशेष क्यों होती है।

मनोविज्ञान कहता है कि मनुष्य को उन कारणों को समझना और दूर करना भी है। इंसान इतना विकसित है कि अपनी कमियों को आइडेंटीफाई करके दूर कर सकता है।

  1. चिंता और तनाव: स्ट्रेस और चिंता बढ़ सकते हैं जब आप अस्थिर और तनाव में हैं, जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं।
  2. नींद में परेशानी: नींद की समस्याएं अक्सर अस्थिर संबंधों का कारण बन सकती हैं, जो फिर आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती हैं।
  3. व्यायाम और भोजन: जब अस्थिरता होती है, लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते और अधिक तेल, तले हुए खाद्य पदार्थ, अल्कोहल और तंबाकू खा सकते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
  4. शारीरिक चोट: विवाहित लोगों के बीच अनियमित यौन संबंध होने की संभावना बढ़ जाती है, जो सेक्सुअल ट्रांसमिशन इंफेक्शन (STI) का खतरा बढ़ा सकता है।
  5. Mental स्वास्थ्य: हरी भय की वजह से निराशा, उदासी या असुरक्षा की भावना

इन परिणामों को देखते हुए, संबंधों में स्थिरता और समर्थन बनाना महत्वपूर्ण है। यदि आपको लगता है कि आप हरी मानसिक बीमारी का शिकार हो रहे हैं, तो आपको शायद एक साक्षात्कार या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मिलना चाहिए।

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