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Women Periods Problem: नॉर्मल नहीं हैं पीरियड्स से संंबंधित ये 5 लक्षण, तुरंत करे डॉक्टर से संपर्क

Women Periods Problem:

Women Periods Problem:

Women Periods Problem:पीरियड्स के दौरान हर महीने ब्लीडिंग और क्रैम्प्स होना पूरी तरह से नॉर्मल है। जब आप प्रजनन आयु में हैं, आप इससे बच नहीं सकते। लेकिन आपकी माहवारी से जुड़े कुछ रोग भी हैं, जिन्हें नहीं भूलना चाहिए।

पीरियड अनियमित होने से रीप्रोडक्टिव सिस्टम में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं।

Women Periods Problem: अगर आपको Period से सम्बंधित ये 5 लक्षण महसूस हो, तो तुरंत नजदिकी डॉक्टर को दिखाये

महिलाओं में पीरियड से जुड़ी समस्याएं आम हैं। पीरियड के दौरान अनियमित या निरंतर बहाव आम समस्या है। यह भी कुछ महिलाओं में उल्टी, मतली या कमर दर्द का कारण हो सकता है। इससे उनका पूरा रिप्रोडक्टिव प्रणाली प्रभावित हो सकता है। हर महिला को इन समस्याओं के बारे में पता होना बहुत महत्वपूर्ण है। ताकि किसी भी समस्या को तुरंत हल कर सकें। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका मौर्या ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में महिलाओं में पीरियड संबंधी समस्याओं पर चर्चा की है।

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असामान्य मेनस्ट्रूअल साइकिल 

डॉ. प्रियंका बताते हैं कि हॉर्मोन में गड़बड़ी मेनस्ट्रूअल साइकिल को अनियमित करती है। दरअसल, पिछले पीरियड के पहले दिन से मेंस्ट्रुअल साइकिल की शुरुआत होती है। अगले पीरियड के पहले दिन तक साइकिल चलती रहती है। हर महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल चलाने का समय अलग हो सकता है। 24 से 28 दिनों में यह साइकिल खत्म हो जाती है। मेन्स्ट्रुअल साइकिल की अनियमितता से पीरियड और रीप्रोडक्टिव सिस्टम में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Women Periods Problem: हॉर्मोन में बदलाव से पीरियड समस्याएं

मेनोरेजिया 

डॉ. प्रियंका कहते हैं, “यह समस्या हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से होती है। हर महीने महिलाओं के यूट्रस में एक परत बनती है। यह पीरियड के दौरान ब्लीडिंग के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। यह परत बहुत मोटी हो जाती है जब हार्मोन का स्तर गिरता है। इससे पीरियड के दौरान योनि से ब्लीडिंग प्रभावित होती है। इससे लंबी अवधि की हैवी ब्लीडिंग होती है। कुछ महिलाएं भी हैवी ब्लीडिंग और क्लोटिंग की शिकायत करती हैं।’

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मेट्रोरेजिया 

Metrorrhagia में फ्रीक्वेंट इर्रेगुलर पीरियड होते हैं। इस हालत में व्यक्ति को एक महीने में कई बार पीरियड होता है। गर्भाशय से ब्लड मिलता है। इसमें असामान्य अवधि की ब्लीडिंग होती है, न कि सामान्य अवधि की। अनियमित रूप से लगातार ब्लीडिंग से भी शरीर कमजोर हो सकता है। इसलिए, इस स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना आवश्यक है।

एमेनोरिया 

डॉ. प्रियंका ने बताया कि एमेनोरिया में महिलाओं को कई महीने तक माहवारी नहीं आती है। यह समस्या अक्सर पीसीओडी (PCOD) के मामलों में होती है। एमेनोरिया होने पर पीरियड्स नहीं आते, बाल झड़ते हैं और सिरदर्द होता है।’

डिस्मेनोरिया 

डिस्मेनोरिया वाली समस्या को ही पीरियड क्रैम्प कहा जाता है।

पीरियड क्रैम्प डिस्मेनोरिया से होता है। इस लक्षण की भी शुरुआत आमतौर पर टीन एज में होती है, जब पीरियड शुरू होता है। इसके कारण पेल्विक एरिया में महिलाओं को बहुत दर्द होता है।

पेन शरीर के पिछले हिस्से तक जाता है। जांघों में दर्द भी कई महिलाओं को होता है। चक्कर आने की शिकायत कुछ महिलाएं करती हैं। वहीं कुछ लोग उल्टी और मतली की शिकायत करते हैं।

लिकोरिया 

यहाँ योनि में बुरे बैक्टीरिया फैलते हैं। जो वेजाइना से एबनॉर्मल डिस्चार्ज करता है। यूट्रस में इन्फ्लेमेशन इसकी वजह है। इसमें कमर दर्द होना आम है। शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी भी इसका कारण हो सकती है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। लिकोरिया ने कुछ लोगों की सेक्सुअल इच्छा को कम कर दिया है। इंटरकोर्स के दौरान वे भी दर्द महसूस कर सकते हैं।

मेनोपॉज 

जब महिलाओं का पीरियड साइकिल समाप्त हो जाता है, तो यह एक प्राकृतिक घटना है। 45 से 50 वर्ष की उम्र में यह उपचार शुरू हो जाता है। मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं को हॉट फ्लेशेज (Hot Flashes) होते हैं। कुछ महिलाओं के हार्मोन में बदलाव से अचानक बहुत गर्मी लगने लगती है। इससे जल्दी पीठ दर्द हो सकता है। महिलाओं को इस दौरान अपने मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ध्यान देना चाहिए। Менनोपॉज के बाद बहुत सारी महिलाएं कम कॉन्फिडेंस लेवल और जल्दी तनाव से गुजरती हैं।

Women Periods Problem: उपरोक्त मामलों में आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ताकि वे आपको पीरियड्स से संबंधित किसी भी आसामान्य समस्या से उबरने में मदद कर सकें। इसके लिए कुछ दवा भी प्रस्तुत की जा सकती है। पर अपने आप किसी भी दवा को डाक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।

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