Soyabean MSP 2024 मध्य प्रदेश के किसान सोयाबीन की कीमतों को लेकर नाराज हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी फसलों का सही मूल्य नहीं पा रहे हैं। पुराना सोयाबीन आज भी महंगा है। किसान संगठन ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, जो सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपए करने की मांग करेगा।
Soyabean MSP 2024, MSP Of Rice आंदोलन का पहला चरण
सितंबर से, Soyabean MSP फसल के उचित दामों के लिए कई किसान संगठनों ने मिलकर आंदोलन शुरू किया है। ग्राम पंचायत स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पहले चरण में भेजे जा रहे हैं। किसानों की एक महत्वपूर्ण मांग को लेकर आंदोलन पर सरकार असहज दिखाई देती है। किसान संगठन सरकार की इस नीति से पीड़ित हैं।
किसान संगठन ने सरकार को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर सरकार इसी तरह व्यवहार करती रही तो गांवों में चल रहे आंदोलन को सड़कों पर उतारा जा सकता है, जो 2017 में मंदसौर की घटना की तरह हो सकता है। फिलहाल, आंदोलन का प्रारंभिक चरण 7 सितंबर तक चलेगा। यदि सरकार बातचीत नहीं करती, तो 12 सितंबल को भोपाल में आंदोलन को तेज करने की योजना पर विचार किया जाएगा।
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Soyabean MSP 2024, MSP Crops List सोयाबीन 6 हजार रुपए करने की मांग
मध्य प्रदेश, देश में सोयाबीन राज्य के नाम से जाना जाता है, Soyabean MSP में सोयाबीन उगाने वाले किसानों को उनकी फसल का इतना भी मूल्य नहीं मिल रहा है कि वे फसल की लागत को पूरा कर सकें। किसान संगठनों का कहना है कि मध्य प्रदेश में Soyabean MSP सोयाबीन का मूल्य आज भी उतना ही है। जो दस साल पहले 2013 और 2014 में हुआ था। इसके बावजूद, बीज, खाद, डीजल और कई अन्य वस्तुओं का मूल्य पिछले दस वर्षों में बढ़ा है। इन परिस्थितियों में किसान अपनी फसल की लागत निकालने में बहुत व्यस्त हैं।
सोयाबीन की बुवाई, निदाई, खाद, बीज और डीजल के साथ-साथ कीटनाशक और फसल पकाने पर भी काफी पैसा खर्च होता है। जैसे ही फसल आने का समय आता है, Soyabean MSP सोयाबीन की कीमत गिरने लगती है। इस साल सोयाबीन का मूल्य सिर्फ 3500 रुपए है। एमएसपी, जो सरकार ने निर्धारित किया है, 4892 रुपए है। ऐसे में किसान संगठनों ने एक प्रमुख मांग को लेकर संघर्ष शुरू किया है।
किसानों का अनुमान है कि Soyabean MSP 6 हजार रुपए होनी चाहिए। इसके बावजूद, जो सहयोग मूल्य तक किया है मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों से 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल का सोयाबीन खरीदने के लिए 1108 रुपये का बोनस घोषित किया।
Soyabean MSP Rate कॉर्पोरेट को फायदा और किसानों को नुकसान
किसान संगठनों का कहना है कि पिछले कई सालों से सोयाबीन की फसल में कम वर्षा और अधिक वर्षा के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। जबकि खाद्य तेल की सरकारी नीति सोयाबीन उत्पादक किसानों की जगह इसमें कॉर्पोरेट को लाभ मिल रहा है।
किसानों का कहना है कि सरकार फसल आते ही निर्यात बंद करके आयात शुरू कर देती है। जिससे Soyabean MSP का मूल्य गिरने लगता है। किसान ठगे जाते हैं और उद्योगपति सीधे लाभ उठाते हैं।
Soyabean MSP 2024 आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि किसानों की मांग है कि सरकार Soyabean MSP का मूल्य 6 हजार रुपए कर दे। पिछले कुछ वर्षों में सोयाबीन का मूल्य तीन हजार रुपए से 3500 रुपए तक चला गया है। जिससे किसानों को फसल खर्च निकालना मुश्किल हो जाता है।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से संपर्क करने की कोशिश की है। जिसमें गांव, किसानों, महिलाओं और बच्चों के हर घर जुड़े हुए हैं और सरकार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार थक चुकी है संयुक्त किसान मोर्चा की कार्यकारणी ने आज तक सोयाबीन की मांग और आगे का मूल्य नहीं बताया है। ये आंदोलन जल्द ही गांवों से सड़कों पर आ जाएंगे अगर सरकार अब भी नहीं चेतती। फिर सरकार को मंदसौर के 2017 के परिणाम देखने को मिलेंगे।
मैं सरकार से कहना चाहता हूँ कि वे इस आंदोलन को देखते हुए समय रहते चेते और किसानों की मांगों को सुनें। अन्यथा आंदोलन बड़ा हो जाएगा। ऐसा हुआ, और अगर ऐसा होता है तो सरकार और किसानों को बहुत नुकसान होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए। शांतिपूर्ण आंदोलन हमारा लक्ष्य है। हमें सरकार से उम्मीद है कि ऐसी स्थिति न हो कि हमें सड़कों पर धरना देना पड़े।
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