Opium Meaning In Hindi इस साल केंद्र सरकार ने अफीम नीति की घोषणा करने में एक महीने की देरी की है। हर बार सितंबर या अक्टूबर के पहले सप्ताह तक अफीम नीति जारी की जाती है। इसके बावजूद, इस बार अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अफीम नीति की घोषणा की गई है। किसानों में भी क्रोध देखा गया है। इसका प्रभाव अफीम उत्पादन पर दिख सकता है। नई अफीम नीति के बाद किसान अब लाइसेंस लेकर इसकी खेती कर सकेंगे।
नीमच। Neemuch
Opium Meaning In Hindi अफीम का मतलब
इस वर्ष केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक नई अफीम नीति बनाई है। नई अफीम नीति के अनुसार, 2023-24 में जिन अफीम लाइसेंस धारी किसानों की फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम से अधिक है, उन सभी को अफीम गोंद (लुवाई चिरई) लेसिंग के माध्यम से लाइसेंस मिलेगा। ऐसे काश्तकार ने 2023-24 के दौरान पोस्त भूसा उत्पादन के लिए अफीम की खेती की. उन्होंने तोल केन्द्र पर पोस्त भूसा प्रस्तुत किया और 900 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक उपज वाले कृषकों को अफीम गोंद (लुवाई चिरई) का लाइसेंस भी दिया। MP News
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Opium Meaning In Hindi लाइसेंस के पात्र किसान
- लाइसेंस अपील के निपटान के बाद, किसानों को 2022–2023 की फसल के लिए भी लाइसेंस मिलेगा. अगर किसानों ने लाइसेंस नहीं लिया या लाइसेंस मिलने के बाद भी अफीम की खेती नहीं की, तो वे भी अफीम गोंद के लिए लाइसेंस मिलेगा। MP News
- नई नीति के अनुसार, अफीम गोंद (लुवाई चिराई) लाइसेंस के लिए योग्य सभी काश्तकारों को केवल 0.10 हेक्टेयर की जमीन दी जाएगी। लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को विकसित करने के लिए किसान दूसरों की जमीन को पट्टे पर ले सकते हैं। MP News
- सीपीएस (CPS) प्रणाली के लिए भी सूचना जारी की गई है। सीपीएस (लेंसिंग के माध्यम से रस नहीं निकाला जाता) किसानों के लिए उपयुक्त होगा। जिन किसानों ने 2023-24 के दौरान सीपीएस पद्धति से फसल खेती की हो और प्रति हेक्टेयर 675 किलोग्राम से अधिक पोस्त भूसे की उपज तौल केन्द्र पर दी हो, वे भी पात्र होंगे। MP News
Opium Meaning- CPS पद्द्ति से किसानो को मिलेगा लाइसेंस
किसान जिनको 1995-96 के बाद से फसल लाइसेंस दिए गए थे, लेकिन किसी कारण से नहीं दिए गए। इस वर्ष उन्हें CPS Method से लाइसेंस मिलेगा। इस वर्ष सीपीएस प्रणाली से किसानों को लाइसेंस मिलेगा जो 1995-96 से 1997-98 तक की अवधि में उनकी फसल निरस्त कर दी गई थीं, लेकिन उन्होंने 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक न्यूनतम औसत उपज दी होगी। 1995-96 में मृत्यु होने पर उनके वैध उत्तराधिकारी भी देख सकेंगे। MP News
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Opium Meaning लाइसेंसधारी किसानों के लिए मार्फिन की मांत्रा तय
नई अफीम नीति के अनुसार, लाइसेंस धारी किसानों की फसल में 4.2 kg या अधिक मार्फिन होना चाहिए। किसानों को लेसिंग (लुवाई चिरई) का उत्पादन करने का लाइसेंस मिलेगा। किसानों को अफीम गोंद (लुगाई चिरई) प्राप्त करने का लाइसेंस मिलेगा जिन्होंने 2023-24 के दौरान पोस्त भूसा उत्पादन के लिए अफीम की खेती की और 900 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक उपज प्राप्त की। MP News
Opium Meaning पिछले साल के लाइसेंसधारी के अवसर
नई नीति के अनुसार, किसानों को अफीम की खेती करने की अनुमति मिलेगी जिनके लाइसेंस अपील हो चुके हैं, साथ ही जो वर्ष 2022–2023 के लिए लाइसेंस पात्र थे लेकिन किसी कारण से नहीं लिया गया था। सांसद सुधीर गुप्ता ने इनई अफीम नीति के बारे में कहा कि अफीम गोंद (लुवाई चिराई) लाइसेंस के लिए योग्य सभी काश्तकारों को केवल 0.10 हेक्टेयर की जमीन दी जाएगी। लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को विकसित करने के लिए किसान दूसरों की जमीन को पट्टे पर ले सकते हैं अगर वे चाहें। MP News
Opium In Hindi निरस्त लाइसेंस वालों को भी मौका मिलेगा
नई नीति के अनुसार, 1995-96 के बाद लाइसेंस नहीं दिए गए किसानों को इस वर्ष सीपीएस विधि से लाइसेंस दिया जाएगा। साथ ही, इस वर्ष किसानों को सीपीएस प्रणाली से लाइसेंस मिलेगा जिन्होंने 1995-96 से 1997-98 तक की अवधि में अपनी फसल को निरस्त कर दिया था, लेकिन 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक औसत उपज की। 2023-24 के दौरान सीपीएस पद्धति से खेती करके प्रति हेक्टेयर 675 किलोग्राम से अधिक पोस्त भूसे की उपज देने वाले किसान भी पात्र होंगे।
Opium In Hindi चीरा पद्धति वाले किसानों की पात्रता
साथ ही, सीपीएस प्रणाली में 675 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से कम उपज देने वाले किसानों के लायसेंस एक वर्ष के लिए ही रोके गए हैं। उन्हें सीपीएस खेती फिर से करने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष के अनुसार, चीरा पद्धति से फसल काटने वाले कृषक, जिन्होंने 2023-24 में औसत 3 kg से अधिक और 4.2 kg से कम प्रति हेक्टेयर अफीम फसल दी, पात्र होंगे।
Opium Bird Is Real- 5 साल के लिए लाइसेंस
CPS विधि में भी सभी योग्य किसानों को 0.10 हेक्टेयर के एक प्लॉट का लाइसेंस दिया जाएगा। काश्तकार लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को बनाने के लिए दूसरों की जमीन को पट्टे पर ले सकता है अगर वे चाहें। इस नीति में पहली बार सीपीएस प्रणाली के लिए योग्य कृषकों को आगामी पांच वर्षों के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे. यह फसल वर्ष 2024-25 से शुरू होकर फसल वर्ष 2028-29 तक चलेगा। वहीं, वर्तमान लाइसेंस धारियों को ऐसे कागजात जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिनकी जानकारी नारकोटिक्स विभाग के पास पहले से ही है।
Opium Bird Kya Hai नई पॉलिसी से खेती का मौका
यह नीति किसानों के हित में है। इस पॉलिसी से लगभग 16 हजार नए किसानों को कृषि करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही, विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया है। केंद्र सरकार ने किसान हितैषी अफीम पॉलिसी को फिर से लागू किया है, क्योंकि इस पॉलिसी में किसानों ने सुझाव दिए थे।
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